मिस्र की सभ्यता

मिस्र की सभ्यता

मिस्र की सभ्यता की खोज (Misr Ki Sabhyata Ki Khoj) –

इस सभ्यता की खोज का श्री नेपोलियन बोनापार्ट को दिया जाता है सन 1798 मेन नेपोलियन ने अपनी मिस्त्री अभियान के दौरान नील नदी के मुहाने पर स्थित रोजेटा नामक स्थान पर एक पत्थर का शिलालेख प्राप्त किया 1.12 मीटर लंबे तथा 70 सेंटीमीटर चौड़े इस शिलालेख पर मिस्र के यूनानी राजा के शासनकाल की घटनाएं लिखी हुई थी इसके बाद थॉमस यंग और अकेटस्लाद ने भी मिश्री भाषा को पढ़कर संसार को प्राचीन मिस्र की सभ्यता का ज्ञान करा दिया सन् 1922 मैं हावर्ड कार्टर नामक एक अंग्रेज ने तूतेन खामन के पिरामिड के गुप्त द्वार की खोज करके पिरामिड मिस्र की सभ्यता तथा संस्कृति संस्कृत का प्रकाशित किया ।

मिस्र अफ्रीका महाद्वीप में स्थित है। मिस्र की सभ्यताओं को प्राचीन सभ्यताओं की जननी कहा जाता है। इस सभ्यता को बुद्धि देने वाली सभ्यता भी कहा जाता है। मिस्र की सभ्यता का विकास नील नदी के किनारे हुआ है इसलिए मिस्र को नील नदी का वरदान भी कहा जाता है। मिस्र को नील नदी का वरदान कहने वाला इतिहासकार हेरोडोट्स था। नील नदी को प्राचीन काल में हापी नाम से जाना जाता था।

मिस्र के निवासी नील नदी की पूजा किया करते थे। क्योंकि नील नदी का बेसिन उपजाऊ होने के कारण फसल का उत्पादन अच्छा होता था।

नील नदी युगांडा पर्वत के विक्टोरिया झील से निकलती है। टालमी ने युगांडा पर्वत को चांद का पर्वत कहा।

मिस्र की सभ्यता के बारे में महत्त्वपूर्ण बाते आगे बताई गईं हैं

मिस्र के लोग अपने राजाओं को फराओ कहते थे। फराओ का अर्थ होता है सूर्य का बेटा। इसलिए मिस्र के लोग राजाओं की पूजा किया करते थे।

पिरामिड (Pyramid) —

मिस्र के लोग फराओ को दफनाने के बाद पिरामिड का निर्माण करते थे। पिरामिड का शाब्दिक अर्थ होता है – ऊंचा। जबकि यूनानी भाषा में इसका अर्थ होता है गेहूं की रोटी।अधिकांश पिरामिण्डों का निर्माण नील नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित नेनफिस नगर में किया गया था।

मिस्र के इतिहास का प्रारंभिक काल (3400 ई.पू. से 2500 ई.पू.) पिरामिड युग के नाम से जाना जाता है। इसी काल में विश्वविख्यात पिरामिडों का निर्माण हुआ। मिस्र के लोग मृतकों के वास के लिये विशाल समाधियाँ बनाते थे, जिन्हें पिरामिड कहते थे।

ये लोग सूर्य की पूजा किया करते थे। और सूर्य को र, रा, हारस जैसे नामों से जानते थे।

मिस्र की प्राचीनतम चित्राक्षर लिपि हाइरोग्लिफिक थी।

मिस्र के प्रथम राजवंश का प्रथम शासक मेनिस था।

विश्व की प्रथम महिला शासक प्राचीन मिस्र की रानी हटशेटपुट थी।

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