dual sim kya hai

Dual SIM क्या है? और यह कैसे काम करता है व इसके फायदे

जैसा की आप सभी जानते ही है  की आअज कल के समय में Single Sim का ज़माना गया और Dual Sim का ज़माना आ गया है लेकिन आपमें से कुछ ही ऐसे लोग होंगे जिनको पता होगा की आखिर Dual SIM क्या है और यह कैसे काम करता है व इसके फायदे क्या क्या है.

SIM का Full Form होता है Subscriber Identification Module. यह SIM card एक ऐसा card होता है जिनका इस्तमाल हम mobile phone या smartphone में करते हैं ताकि हम phone को mobile network के साथ connect कर सकें.

चलिए कोई बात नहीं आज की इस पोस्ट में माध्यम से मै आप लोगो को Dual SIM क्या है और यह कैसे काम करता है व इसके फायदे क्या जय है तो चलिए आज की इस पोस्ट में माध्यम से मैं आप लोगो को Dual Sim के बारे में पूरी जानकारी दे देता हूँ.

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है हर्षित रस्तोगी और आज की इस पोस्ट के माध्यम से मैं आप लोगो को Dual Sim के बारे में जानकारी देने वाला हूँ. तो चलिए ज्यादा देरी न करते हुए शुरू करते है.

पहले के समय में जब मोबाइल आया आया था तब लोगो के फ़ोन में मात्र एक सिम हिता था और उस समय उस एक सिम से ही सारे कार्य हो जाते थे और हमारा काम आसानी से चल जाता था लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया टेक्नोलॉजी भी विकसित हो गयी और इसी के चलते आज कल dual SIM वाला फोन आने लगा dual SIM के होने से हमे और भी ज्यादा सिम की ज़रूरत पड रही है. लेकिन टेक्नोलॉजी के इस दौर में Single Sim के मुकाबले dual SIM की अधिक मांग है.

तथा dual SIM के कुछ Advantages भी है जिनके विषय में भी हम आज की अपनी इस पोस्ट में आपको dual SIM के फायदों के बारे में भी बताएँगे.

Dual SIM क्या है? (What is Dual Sim?)

SIM का Full Form होता है Subscriber Identification Module. यह SIM card एक ऐसा card होता है जिनका इस्तमाल हम mobile phone या smartphone में करते हैं ताकि हम phone को mobile network के साथ connect कर सकें।

एक ऐसा smartphone या phone जो की एक साथ दो अलग अलग SIM cards को hold कर सकता है एक ही समय में उसे Dual SIM device कहते हैं. दो SIM cards होने का मतलब होता है की उस Dual SIM smartphone से हम जैसे चाहें कोई एक SIM card का इस्तमाल Phone calls initiate या receive करने के लिए कर सकते हैं.

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Sim Card के प्रकार 

आपने सिम तो अवश्य ही देखा होगा असल में Sim के अन्दर प्लास्टिक के कार्ड मे एक चिप लगी हुई होती है, पहले यह चिप बहुत बड़े आकर की आती थी लेकिन समय के साथ-साथ जैसे जैसे टेक्नोलॉजी विकसित हुई तभी इसका भी विकास हो गया और समय के साथ साथ Sim card के भीतर पायी जाने वाली चिप भी छोटी होती चली गयी. इसके कुछ प्रकार निम्नलिखित है-

सिम कार्ड के प्रकार:-

Full Sim

सबसे पहली बार सिम जर्मनी में साल 1991 में बनाया गया था, जिसकी साइज़ एक क्रेडिट कार्ड के बराबर था.

Mini Sim

टेक्नोलॉजी के विकास के साथ सिम के साईज़ में काफी सुधार हुआ है, और अब मिनी सिम कार्ड का इस्तेमाल होने लगा है, जिसका इस्तेमाल कीपैड वाले फोंस में होता है.

Micro Sim

माइक्रो सिम को को चारो तरफ से थोडा ट्रिम करके मिनी सिम का साइज़ बनाया गया है, इनका यूज़ कुछ शुरुआती स्मार्ट फ़ोन में किया गया था और आज भी इनका इस्तेमाल किया जाता है.

Nano Sim

अब जो सिम कार्ड हम अपने स्मार्ट फ़ोन में इस्तेमाल करते है, वह केवल एक चिप की साइज़ का होता है, उसे ही नैनो सिम कहा जाता है.

E-Sim Card

इसे ई-सिम या एम्बेडेड सिम कहाँ जाता है, इनका साइज़ बहुत ही छोटा होता है। इनका साईज़ लगभग 6 X 5 MM का होता है, ये मोबाइल फ़ोन में पहले से ही इन्सटाल्ड होते है, जिन्हें रिमोटली एक्टिव किया जा सकता है.

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