दोस्तों क्या आपको मालूम है कि मधुमखियाँ शहद कैसे बनाती हैं। दोस्तों असर सबसे ज्यादा मेहनत करने वाले जीवों में से एक मधुमखियाँ को देख कर हम थोड़ा डर से जाते हैं । लेकिन आज हम आपको इन मधुमखियाँ के बारे में कुछ ऐसी बातें बताएँगे जिन्हें जान कर आप पूरी तरह से हैरान रह जायेंगे। मधुमखियाँ का हमारे जीवन में कुछ महत्व हो या फिर इनके शहद बनाने का तरीका ये किस तरह से हमें लाभ पहुचाती है तो इसके लिये हमारे साथ बने रहियेगा। क्योंकि ये वास्तव में रोमांचक है।
दोस्तों पुरे विश्व में मधुमखियों की बीस हजार से ज्यादा प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इनमें से चार ही शहद बनाती हैं। एक छत्ते में बीस से साठ हजार मादा मधुमखियाँ सैकड़ो की संख्या में नर मधुमखियाँ और एक रानी मधुमखी होती है। इनका छत्ता मोम से बना होता है।
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और दोस्तों मधुमखियाँ पृथ्वी पर अकेली ऐसी insects है जिनके द्वारा निकाले गए भोजन को मनुष्य खाता है। हम आपको ये भी बता दें कि केवल मादा मधुमक्खी ही शहद बना सकती है। और डंक मार सकती है। नर मधुमखियाँ रानी मधुमक्खी के साथ केवल संभोग करने और बच्चे पैदा करने के लिए होतीं हैं।
अगर हम मधुमखियाँ की रफ्तार की बात करें तो एक मधुमक्खी चौबीस किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकती है। और एक सेकेंड में कई बार तो अपने पंख हिलाती है। और मधुमखियाँ अपने छत्ते से दस किलोमीटर तक फूलों की तलाश में यात्रा कर सकती हैं। एक बार में पचास से सौ फूलों का रस अपने अंदर इकट्ठा कर सकती हैं।
इनके पास एक एंटीना की तरह छड़ी होती है। जिसके जरिये ये फूलों का रस चूसती है। जिसमें से कुछ भाग इनके भोजन के रूप में चला जाता है। बाकी भाग ये शहद बनाके बाहर निकाल लेती हैं।
आप जानकर हैरान हो जायेंगे कि एक किग्रा शहद बनाने के लिए मधुमखियाँ करीब चालीस लाख फूलों का रस चूसती हैं। नब्बे हजार मील उड़ना भी पड़ता है। इसलिए ये काम छत्ते पर मौजूद सारी मधुमखियाँ मिलकर एक साथ करती हैं। क्योंकि पूरी दूरी धरती के तीन चक्कर लगाने के बराबर है।
दोस्तों पूरे साल मधुमखियों के छत्ते का तापमान तैंतीस डिग्री सेल्सियस के आस पास रहता है। और जब सर्दियों में तापमान गिरने लगता है तो ये सारी मधुमखियाँ सिकुड़कर पास पास आ जाती हैं। ताकि इनके बीच गर्माहट बनी रहे। दोस्तों गर्मियों में ये अपने पंखों से छत्ते को हवा देती हैं। अगर आप कुछ दूरी पर खड़े हैं तो आपको उनके पंखों की आवाज भी सुनाई देगी।
और हाँ आप शहद तो बड़े मजे से खा लेते हैं क्या आपको पता है कि एक मधुमक्खी अपने जीवन में कितना शहद बनाती है। ये सुनकर आप हैरान हो जायेंगे क्योंकि एक मधुमक्खी अपने जीवन में एक चम्मच के बरहवे हिस्सा जितना ही शहद बना पाती है। क्योंकि इनकी जिंदगी मात्र पैतालिस दिन की होती है। और नर मधुमखियाँ तो संभोग करने के बाद मर जाते हैं।
वैसे दोस्तों हम आपको ये बता दे कि शहद में sugar की मात्रा ज्यादा होने से ये चीनी से भी 25% तक ज्यादा मीठा होता है। और शहद की सबसे बड़ी खासियत ये है कि हजारो साल तक खराब नहीं होता। आप मानें या ना मानें ये एक ऐसा फूड कि जिसमें जिंदगी को जीने की सभी चीजें पायी जाती हैं।
इसलिए ऐसा कहा जाता है कि जिन चीजों मे आप चीनी की जगह शहद का इस्तेमाल करना शुरू कर देंगे वो चीजें आपको फायदा करने लगेंगी।
दोस्तों रानी मधुमक्खी पैदा नहीं होती बल्कि बनाई जाती है और मात्र 5 – 6 दिन के अंदर ही संभोग करने लायक हो जाती हैं। ये मधुमखियाँ नर मधुमखियाँ को आकर्षित करने के लिये हवा में केमिकल छोड़ती है। जिसे सुंघते ही नर भागा चला आता है।
और हाँ रानी मधुमक्खी जिंदगी में केवल एक बार ही संभोग करती है। जिसके बाद ये अपनी बॉडी में इतने स्पर्म इकट्ठा कर लेती हैहै कि जिंदगी भर अंडे देती रहती है। ये बात आपको हैरान कर देगी दोस्तों क्योंकि एक रानी मधुमक्खी एक दिन में दो हजार अंडे दे सकती है इसका मतलब हर 45 सेकेंड में एक अंडा दे सकती है।
धरती पर मौजूद सभी जन्तुओ में मधुमक्खी की भाषा सबसे कठिन है। मधुमखियों की भाषा समझने के लिए सन् 1973 में karl von frisch को नोवेल पुरुस्कार भी मिल चुका।
दोस्तों जिस प्रकार एक म्यान में दो तलवारें नहीं रह सकती ठीक उसी प्रकार एक छत्ते में दो रानी मधुमक्खी नहीं रह सकती हैं। अगर गलती से रह भी रही हो तो कुछ दिनों तक रह सकती हैं क्योंकि रानी मधुमखियाँ एक दूसरे को देख कर दोस्ती नही करतीं बल्कि लड़ना शुरू कर देतीं हैं और तब तक लड़ती रहती हैं जब तक एक की मौत नहीं हो जाती है।
दोस्तों जैसा की हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में धीरे धीरे बदलाव हो रहे हैं और एक दिन इसका खात्मा भी हो जायेगा क्योंकि धरती पर मौजूद 90% खाद्य पदार्थों के उत्पादन में मधुमखियाँ अहम भूमिका निभाती हैं। चाहे वो बादाम हो, काजू हो, संतरा हो या पपीता हो। पर जिस हिसाब से हम लोग मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं उसके सिग्नल से मधुमखियों को काफी नुकसान होता है। अगर ऐसे में मधुमखियाँ ऐसे ही मरती रही तो आप यकीन मानिए जरूरी खाद्य पदार्थों का उत्पादन बहुत मुश्किल हो जायेगा। और फसले भी खराब हो जायेगी।
तो दोस्तों आप लोग अब तो समझ गये ही होंगे की मधुमखियाँ इतनी खास क्यों है। अगर हमें वातावरण को सुरक्षित बनाना है तो इन मधुमखियों का जीवित रहना बहुत जरूरी है। madhumakkhi sahad kaise banati hain
धन्यवाद