सबसे पुराना रिलीजन, Religion by year

धर्म का अर्थ होता है, धारण करना। अर्थात सभी अच्छी आदतों ,विचारों ,कर्मों को धारण करना। धर्म एक परंपरा को मानने वालों का समूह होता है। ऐसा माना जाता है, कि धर्म मानव को मानव बनाता है। कई प्रकार के धर्म इस धरती पर पाए जाते हैं। किंतु सभी धर्मों के मूल में विद्यमान बात का अर्थ एक ही नजर आता है, कि मनुष्य को मनुष्य के काम आना चाहिए। मन में प्रेम सद्भाव की भावना रखनी चाहिए। शांति एवं अहिंसा बनाए रखनी चाहिए।आज की इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि दुनिया में कौन सा धर्म कौन से कर्म पर आया और विश्व का सबसे पुराना धर्म कौन सा है? तो आइए जानते हैं

1- हिंदू धर्म

हिंदू धर्म दुनिया का सबसे पुराना धर्म है। माना जाता है, कि मनुष्य की उत्पत्ति के समय से ही हिंदू धर्म चला आ रहा है तथा प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर भी यह धर्म सबसे पुराना ही नजर आता है। हिंदू धर्म का सर्वप्रथम  साक्ष्य सिंधु सभ्यता से पशुपति की मूर्ति से मिलता है। जिसे आदि महादेव शिव कहा जाता है। हिंदू धर्म सबसे प्राचीन होने के साथ-साथ सबसे सहिष्णु धर्म भी माना जाता है। क्योंकि आज तक के इतिहास में हिंदू धर्म में कभी भी जबरन धर्मांतरण एवं धर्म परिवर्तन नहीं कराए गए हैं। हिंदू धर्म ने आज तक स्वयं में बहुत से परिवर्तन किए हैं और परिवर्तनों के दौर से गुजरता हुआ। यह धर्म और भी अधिक शुद्ध हो होता गया है। इसमें बहुत सी विकृति आती गई समय के साथ किंतु अपनी परिवर्तनशीलता कारण यह उन्हें समाप्त भी करता चला गया।

2- जैन धर्म

हिंदू धर्म की तरह जैन धर्म भी बहुत प्राचीन धर्म है। जैन धर्म के संस्थापक ऋषभदेव को बहुत प्राचीन माना जाता है। किंतु ऋषभदेव के विषय में अधिक साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। जैन धर्म को सर्वाधिक प्रचलित करने का श्रेय 23वें तीर्थंकर महावीर स्वामी को दिया जाता है। जिनका जन्म 600 बीसी में हुआ था। इस आधार पर भी यह धर्म दूसरे नंबर पर आता है।

3- बौद्ध धर्म

विश्व को अहिंसा सत्य निष्ठा का पाठ पढ़ाने वाले इस धर्म का उदय 600 बीसी में हुआ था। इस धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध थे। जो एक राजकीय परिवार से थे। उन्होंने अपने जीवन को मानव कल्याण हेतु समर्पित कर दिया था। दुर्भाग्य की बात यह है, कि भारत में जन्मा यह धर्म अब भारत की धरती से ही विलुप्त होता जा रहा है।

4- यहूदी धर्म

हिंदू एवं जैन धर्म के पश्चात यहूदी धर्म ही एक ऐसा धर्म है। जिसमें समाज को एक नई व्यवस्था एवं संस्कृति में ढाला हजरत आदम से लेकर अब्राहम तक और अब्राहम से लेकर मूसा तक की परंपरा यहूदी धर्म का ही हिस्सा है। यह सब भी कहीं ना कहीं हिंदू धर्म से जुड़े हैं। ऐसा माना जाता है,कि राजा मनु को ही यहूदी लोग हज नूह कहते हैं।

5- पारसी धर्म

यहूदी धर्म के पश्चात वैदिक धर्म से ही पारसी धर्म का जन्म माना जाता है। यह माना जाता है, कि पारसी धर्म के संस्थापक जरथुस्त्र को अत्रि ऋषि कुल से थे। पारसी धर्म का जन्म इरान में हुआ था। किंतु मुस्लिमों के निरंतर होते आक्रमणों के कारण एवं सातवीं सदी में मोहम्मद बिन कासिम के आक्रमण से भयभीत होकर पारसियों ने भारत में शरण ले ली। अब ईरान एक मुस्लिम राष्ट्र है।

6- ईसाई धर्म

आज से 2000 वर्ष पूर्व ईसाई धर्म का जन्म हुआ था । इतिहास गवाह है, कि ईसाई धर्म के जन्म से पहले के कोई भी धर्म एक दूसरे के प्रति हिंसक एवं घातक नहीं थे। ईसाई धर्म के द्वारा ही सर्वप्रथम जबरन धर्मांतरण का सिलसिला प्रारंभ हुआ। ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह थे।

7- इस्लाम धर्म

आज से 14 वर्ष पहले इस्लाम धर्म का जन्म सातवीं सदी में हुआ था। इस्लाम धर्म के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद को माना जाता है। 100 वर्षों में ही लगभग यह संपूर्ण अरब का धर्म बन गया।  यह दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म है।जिसका कारण कहीं ना कहीं किसके द्वारा करवाया गया। धर्मांतरण एवं धर्म के प्रति आक्रामकता है। मोहम्मद साहब द्वारा चलाया गया यह धर्म प्रारंभ में शांति एवं सद्भाव का प्रतीक था। किंतु धीरे-धीरे इसमें कट्टरता आती चली गई और दुर्भाग्य की बात यह है, कि इस्लाम धर्म को मानने वाले इसमें परिवर्तन करने को भी तैयार नहीं है।

8- सिख धर्म

15 वी सदी में गुरु नानक देव द्वारा सिख धर्म की स्थापना की गई। इस धर्म का जन्म भी हिंदू धर्म से ही हुआ है। इस धर्म के कोर में सत्य सद्भावना मित्रता प्रेम एवं सहयोग की भावना छिपी हुई है। इस धर्म में पहले 10 गुरुओं तक गुरु परंपरा चली। अब इस की पवित्र पुस्तक को ही अंतिम गुरु मानकर पूजा अर्चना की जाती है।

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