चलती ट्रेन के दौरान ट्रेन का ड्राइवर सो जाए तो क्या होगा।

दोस्तों आप सभी ने कभी ना कभी ट्रेन में सफर तो जरूर ही किया होगा। सफर करने के दौरान आप सभी के मन में एक सवाल तो जरूर ही आया होगा कि अगर चलती ट्रेन के दौरान ट्रेन का ड्राइवर सो जाए तो क्या होगा। जी हां दोस्तों अगर ट्रेन का ड्राइवर सो जाए तो क्या होगा।

 

आपको बता दें कि यह ज्यादातर मालगाड़ी के चालकों के साथ होता है। क्योंकि दोस्तों लंबी दूरी की यात्रा या फिर धीरे यात्रा करने से अक्सर ऐसा होता है।क्योंकि दोस्त तो आखिर ट्रेन ड्राइवर भी कोई मनुष्य ही है और उन्हें भी नींद आ सकती हैतो हां दोस्तों यहां सबसे बड़ी बात यह है कि अगर ट्रेन का ड्राइवर सो जाए तो क्या होगा। तो दोस्तों आप इस बात को जानने के लिए हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए।

 

दोस्तों हम में से सभी लोग कभी ना कभी ट्रेन में अक्सर सफर करते रहते हैं पर इसी दौरान हमारे मन में ट्रेन से संबंधित कई सारे सवाल उठते रहते हैं। तो क्या दोस्तों आपने कभी यह सोचा है कि अगर चलती ट्रेन का ड्राइवर यानी कि लोको पायलट अगर सो जाए तो क्या होगा।अब आप सोच रहे होंगे कि अगर चलती ट्रेन का लोको पायलट सो जाए तो बहुत बड़ी दुर्घटना हो सकती है वैसे आपका सोचना भी सही है लेकिन आपको बता दें कि रेलवे ने इसका भी उपाय खोज रखा है।

 

 

अब चलिए इस बात को जानते हैं कि अगर चलती ट्रेन का ड्राइवर सो जाए तो क्या होगा।सबसे पहले आपको बता दें कि ट्रेन में ड्राइवर यानी कि लोको पायलट के अलावा एक सहायक ड्राइवर यानी कि असिस्टेंट लोको पायलट भी होता है। अगर ट्रेन का ड्राइवर सो जाता है या किसी वजह से बेहोश हो जाता है तो असिस्टेंट ड्राइवर उसे जगाएगा। अगर वह नहीं जागता है तो वह उस ट्रेन को अगले स्टेशन पर लाकर रोक देगा।और इसके बारे में स्टेशन मास्टर को बताएगा फिर स्टेशन मास्टर किसी अन्य ड्राइवर का इंतजाम करेगा।

दोस्तों आपके मन में अब एक और सवाल आ रहा होगा कि अगर ड्राइवर और सहायक ड्राइवर यानी कि लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट दोनों सो जाते हैं तो इस दशा में क्या होगा तो आपको बता दें कि इस स्थिति से निपटने के लिए ट्रेन के इंजन में बिजनेस डिवाइस लगी होती है आपको बता दें कि यह डिवाइस इस बात का ध्यान रखती है कि ट्रेन में 1 मिनट के अंदर स्पीड बढ़ाने के लिए ट्राइडल को नहीं बढ़ाया और ना ही स्पीड घटाने के लिए ट्राइडल को कम किया और ना ही होरन बजाया और ना ही ब्रेक लगाया। तो 17 सेकेंड के अंदर एक ऑडियो विजुअल इंडक्शन आता है और तब ट्रेन ड्राइवर को एक बटन दबाकर उसे स्वीकार करना होता है या बताना होता है अगर वह ऐसा नहीं करता है तो ट्रेन में अगले 17 सेकेंड के अंदर अपने आप ब्रेक लगना शुरू हो जाएगा और 1 किलोमीटर के अंदर ही ट्रेन रुक जाएगी आपको बता दें कि इस डिवाइस को डेट मैन हैंड कहते हैं और इस तरह इंडियन रेलवे किसी बड़े हादसे को होने से रोकती है।

तो दोस्तों आपको भी अब अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा कि अगर ट्रेन ड्राइवर सो जाए तो क्या होगा।

 

 

अब चलिए दोस्तों आपको भारतीय रेलवे के बारे में कुछ रोचक जानकारियां भी बता देते हैं।

 

16 अप्रैल 1953 को भारत में पहली रेलगाड़ी चली थी जो मुंबई से थाने के बीच चली थी और आपको बता दें दोस्तों इस दिन सार्वजनिक अवकाश किया गया था।

 

भारतीय रेलवे एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। दुनिया में इसका दूसरा स्थान है। जी हां दोस्तों भारतीय रेलवे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी रेल नेटवर्क है।

 

दोस्तों आपको बता दें कि इकोनामिक मैगजीन के अनुसार भारतीय रेलवे में सबसे अधिक कर्मचारी हैं।

 

शायद दोस्तों आपको नहीं मालूम होगा कि नई दिल्ली को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दिया गया है।

 

और आपको बता दें कि एक पैसेंजर ट्रेन में चार आपातकालीन निकास द्वार होता है।

 

दोस्तों क्या आपको मालूम है नागपुर रेलवे स्टेशन दो राज्यों में पढ़ता है एक महाराष्ट्र और दूसरा गुजरात

 

और आपको बता दें कि भारत की पहली पैसेंजर ट्रेन में 14 डिब्बे थे और इसमें 400 लोगों ने यात्रा की थी

 

दोस्तों पहली पैसेंजर ट्रेन में 3 इंजन थे जिनका नाम था सेंट मुल्तान और शहीद।

 

दोस्तों आपको बता दें कि भारत में करीब 7000 से भी ज्यादा रेलवे स्टेशन हैं।

 

भारतीय रेलवे हर रोज करीब 14300 ट्रेनों को चलाती है जिसमें लगभग डेढ़ करोड़ यात्री सफर करते हैं।

 

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