भारतीय रेलवे के बारे में अनोखी जानकारी

जैसा की आज कल हम सभी लोग जानते है की सामान्य चीजो का ज्ञान होना हमारे लिए बेहद ज़रूरी है और ऐसे में कई बार लोग अपना अपना ज्ञान भी बाटते रहते है ऐसे ही क्या आपको पता है? रेलवे स्टेशन को हिंदी में क्या बोलते हैं? साथ ही साथ क्या आपको पता है railway station क्या होता है? तथा साथ ही रेलवे स्टेशन के बारे में बहुत सारी ऐसी बाते जो शायद आप लोग नहीं जानते होंगे. भारतीय रेलवे के बारे में अनोखी जानकारी

लेकिन आज की इस पोस्ट के माध्यम से मै आप लोगो को railway station के बारे में विभन्न बातो को बताने वाला हूँ, तो चलिए बिना देरी किए पोस्ट को पूरा पढ़ते है.

भारतीय रेलवे स्टेशन (Indian Railway Station)

शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो Railway Station पर ना गया हो या किसी ने रेल में सफ़र ना किया हो, लेकिन क्या आप भारतीय रेलवे की इन ख़ास बातो को जानते है?

1. भारतीय रेलवे की लम्बाई कितनी है?

उत्तर- IRCEP के अनुसार 31.03.2019 को भारतीय रेल पर मार्ग की कुल लम्बाई 67,956 किलोमीटर थी जब्कि रनिंग ट्रैक की कुल लम्बाई सहित यह 99,235 किलोमीटर है, और यार्ड साइडिंग मिलाकर कुल मार्ग 1,26,366 किलोमीटर है.

2. रेल का इंजन बंद क्यों नहीं किया जाता?

उत्तर – जैसा की आप सभी जानते है हम लोग जब भी कही रेल से घुमने जाते है तो रेल रास्ते में कई स्टेशनओ पर रूकती है लेकिन रेल का ड्राईवर रेल का इंजन कभी भी बंद नहीं करता है क्या आपने कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है जब्कि यदि हम बस कार से कहीं भी घुमने जाते है तो कार या बस का ड्राईवर इंजन को बंद कर देता है. लेकिन आखिर रेल के इंजन में ऐसा क्या होता है जो उसको बंद नहीं किया जाता?

दोस्तों इसका साधारण सा उत्तर है रेल का इंजन पूर्ण रूप से एक डीजल इंजन है जिसके अन्दर एक बैटरी लगी होती है. और ये बैटरी तभी चार्ज होती है जब रेल का इंजन चालू रहता है, अत: यही वजह है कि रेल का इंजन किसी भी स्टॉप पर बंद नहीं किया जाता है.

3. रेल का इंजन 1 घंटे में कितना तेल खता है?

उत्तर – एक अनुमान के अनुसार यदि रेल के इंजन को एक बार start किया जाता है तो वह लगभग 25 लीटर तेल खा जाता है जब्कि ट्रेन यदि एक किलोमीटर चलती है तो लगभग 15 लीटर तेल खर्च हो जाता है.

तो अब आप इसी से अनुमान लगा सकते है की ट्रेन एक घंटे में कितना तेल खाती होगी.

4. ट्रेन का इंजन कब बंद होता है?

उत्तर – दोस्तों जिस तरह हम कार या बाइक का इंजन थोड़ी थोड़ी देर में बंद कर देते है उस तरह ट्रेन का इंजन बंद नहीं किया जाता क्योकि इसके पीछे अनेक कारण है पहला कारण ट्रेन का जो इंजन होता है वो डीजल वाला होता है और उसके अन्दर एक बैटरी लगी होती है जो लगातार चार्ज होती रहती है तथा इस बैटरी का चार्ज होना भी बेहद ही जरुरी है, दूसरा कारण ट्रेन का ब्रेक सिस्टम है और यह बहुत ही अहम् कारण है, आपको बता दें की ट्रेन के ब्रेक प्रेशुर सिस्टम पर कार्य करते है.

5. ट्रेन का इंजन कैसे start होता है?

उत्तर – दोस्तों ट्रेन के दो इंजन होते हैं एक डीजल इंजन और दूसरा इलेक्ट्रॉनिक इंजन ओर मै आपको बताने जा रहा हूँ ट्रेन के इलेक्ट्रॉनिक इंजन को आखिर कैसे start करते है.

ट्रेन के इलेक्ट्रॉनिक इंजन के लिए एक ख़ास प्रकार की चाबी होती है, तथा सभी विधुत इंजनो को start करने के लिए उसके पैटोग्राफ को हवा के प्रेशर द्वारा over हेड equipment के कांटेक्ट वायर तक उठा कर फिर main सर्किट ब्रेकर को on करना मुख्य काम है, जिसे लोको को Engyne करना कहते है.

6. ट्रेन के इंजन का वजन कितना होता है?

उत्तर – ट्रेन का इंजन 130 टन का होता है.

7. एक ट्रेन की कीमत कितनी है?

उत्तर – ट्रेन के आज कल कौन सफ़र नहीं करता और कभी न कभी आपने भी ट्रेन में सफ़र ज़रूर किया होगा लेकिन क्या आप जानते है आखिर जिस ट्रेन में आप सफ़र कर रहे है उसकी कीमत कितनी होती है. नहीं जानते ना चलिए कोई बात नहीं मै आपको बताता हूँ.

स्लीपर और ए० सी० कोच के डिब्बो की कीमत में अंतर रहता है, अगर मै express ट्रेन की कीमत की बात करूँ तो इसमें कुल 24 डिब्बे होते है और एक डिब्बे की कीमत लगभग 2 करोड़ रूपये होती है ओए इंजन की कीमत 20 करोड़ रूपये होती है, अब अगर हिसाब लगाया जाए तो ट्रेन के 24 डिब्बो की कीमत 48 करोड़ और इसमें 20 करोड़ और जोड़ दिए जाए जोकि इंजन की कीमत है तो एक ट्रेन की कुल कीमत होती हैं लघभग 68 करोड़ रूपये क्या इस से पहले तक आपको इसके बारे में पता था हमे comment करके ज़रूर बताना.

8. ट्रेन में कितने गियर होते है?

उत्तर – दोस्तों कार और बाइक का तो हम सभी को [अत होता है की उसमे कितने गियर होते है लेकिन क्या आपको पता हैं की आखिर ट्रेन में कितने गियर होते है, नहीं पता ना चलिए मै आपको बताता हूँ की आखिर एक ट्रेन में कितने गियर होते है.

एक लोकोमोटिव में सामान्यत: छ: एक्सल होते है सभी पर एक-एक ट्रैकशन मोटर लगायी जाती है, छ: ट्रैकशन मोटरो में छ: पिनियन गियर और फिर छ: बुल गियर, इस तरह ट्रैकशन संबंधित कार्य करने के लिए एक लोकोमोटिव में 12 गियर होते है.

9. ट्रेन का इंजन कितने हॉर्स पॉवर का होता है?

उत्तर – रेलवे के डीजल इंजनो की पॉवर 4000 हॉर्स पॉवर से 6000 हॉर्स पॉवर तक होती है और अभी इस से भी अधिक हॉर्स पॉवर के इंजन बनाने की प्रक्रिया चल रही है.

10. ट्रेन कहाँ पर बनती है?

उत्तर –  डीजल-लोको आधुनिकीकरण वर्क्स भारत में पंजाब राज्य के पटियाला में स्थित है। पहले इसे डीजल कंपोनेंट वर्क्स के नाम से जाना जाता था। 1981 में भारतीय रेल के डीजल इंजनों के सेवा जीवन का विस्तार करने और उनकी उपलब्धता के स्तर में वृद्धि करने के लिए इसे स्थापित किया गया था.

11. ट्रेन के पहिए में कितना वजन होता है?

उत्तर – एक तरह जहां मालगाड़ी के पहिये का वजन 484 किलो, व्यास 1000 एमएम व कार्बन की मात्रा 0.55-0.70 प्रतिशत होती है. जबकि यात्री ट्रेन के पहिये का भार 384 किलो, व्यास 920 एमएम व कार्बन की मात्रा 0.45-0.60 प्रतिशत होता है.

12. भारत में कुल ट्रेनों की संख्या कितनी है?

उत्तर – वर्तमान समय ने भारत में कुल 12,167 पैसेंजर ट्रेन है। इसके अलावा भारत में 7,349 मालगाड़ी ट्रेन है। बता दे, देश में रोजाना 23 मिलियन यात्री ट्रेन से यात्रा करते है, यह संख्या ऑस्ट्रेलिया जैसे देश की पूरी आबादी के बराबर है.

13. ट्रेन कितना एवरेज देती है?

उत्तर – यदि हम डीजल इंजन से चलने वाली 12 कोच वाली पैसेंजर ट्रेन की बात करें, तो ये 6 लीटर में एक किलोमीटर का माइलेज देती है. वहीं दूसरी ओर अगर एक डीजल इंजन 24 कोच की एक्सप्रेस ट्रेन के साथ सफर कर रही है, तब भी वो 6 लीटर प्रति किलोमीटर का माइलेज देती है.

14. रेल के इंजन में कितने पिस्टन होते है?

उत्तर – वर्तमान समय में ट्रेन के इंजन में 16 सिलेंडर का इस्तेमाल किया जा रहा है। इनमें से एक सिलेंडर की क्षमता 10,941 सीसी की होती है। तो अगर 16 का गुणा 10,941 से करें तो ट्रेन के इंजन की कुल क्षमता करीब 1.75 लाख सीसी होती है.

15. एक ट्रेन में कितने आदमी बैठ सकते है?

उत्तर – आंतरिक रूप से, ट्रेन में 1129 यात्रियों की बैठने की क्षमता के साथ 16 यात्री कारें हैं। केंद्र में दो प्रथम श्रेणी के डिब्बे हैं जिनमें 42 यात्री प्रत्येक में बैठ सकते हैं, बाकी के कोच डिब्बों में ७८ यात्री प्रत्येक में बैठे सकते हैं.

16. ट्रेन किसने बनायीं?

उत्तर – पहली बार ट्रेन की परिकल्पना 1604 में इंग्लैण्ड के वोलाटॅन में हुई थी जब लकड़ी से बनायी गई पटरियों पर काठ के डब्बों की शक्ल में तैयार किये गए ट्रेन को घोड़ों ने खींचा था। इसके दो शताब्दी बाद फरवरी 1824 में पेशे से इंजीनियर रिचर्ड ट्रवेथिक को पहली बार भाप के इंजन को चलाने में सफलता मिली.

चलिए आज के लिए बस इतना हो मिलते हैं अपनी फिर किसी ऐसी ही मजेदार पोस्ट के साथ तब तक के लिए धन्यवाद!

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